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Tuesday, 7 March 2017

तू जिन्दा है तू जिन्दगी की जीत में यकीन कर

तू जिन्दा है

तू जिन्दा है तू जिन्दगी की जीत में यकीन कर
अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला जमीन परग्न
ये गम के और चार दिन, सितम के और चार दिन
ये दिन भी जायेंगे गुजर, गुजर गये हजार दिन
कभी तो होगी इस चमन पे भी बहार की नजर
अगर कहीं है स्वर्ग तो...
 सुबह ओ शाम के रंगे हुए गगन को चूमकर
तू सुन जमीन गा रही है, कब से झूम-झूम कर
तू आ मेरा सिंगार कर, तू आ मुझे हसीन कर
अगर कहीं है स्वर्ग तो...
हजार भेस धर के आयी, मौत तेरे व्दार पर
मगर तुझे न छल सकी, चली गयी वो हार कर
हर इक सुबह के संग सदा, तुझे मिली नई उमर
अगर कहीं है स्वर्ग तो...ग्न
हमारे कारवां को मंजिलों का इंतजार है
ये आंधियों ये बिजलियों की पीठ पर सवार है
तू आ कदम मिला के चल, चलेंगे एक साथ हम
अगर कहीं है स्वर्ग तो ...
जमीं के पेट में पला अमन पले हैं जलजले
टिके न टिक सकेंगे भूख रोग के स्वराज ये
मुसीबतों के सर कुचल, ब़ढेंगे एक साथ हम
अगर कहीं है स्वर्ग तो...
बुरी है आग पेट की, बुरे हैं दिल के दाग ये
न दब सकेंगे, एक दिन बनेंगे इन्µकलाब ये
गिरेंगे जुल्म के महल, बनेंगे फिर नवीन घर
अगर कहीं है स्वर्ग तो...
- शंकर शैलेन्द्र

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